मुरैना जिले की ग्राम पंचायत रुअर में जन्मे हवलदार विवेक सिंह तोमर की शौर्य चक्र यात्रा में नहीं हुए सामिल राजनेता और प्रशासनिक अधिकारी
मोती सिंह तोमर,मुरैना
जो कि11 जनवरी 2023 को शियाचीन ग्लेशियर में 18300फीट की ऊँचाई पर -52० तापमान में अपनी मात्र भूमि की रक्षा करते हुए शहीद हुए विवेक सिंह तोमर जिन्होंने अपनी परबाह ना करते हुए देश के ऊपर अपनी जान न्योछावर कर दी उन्होंने अपने जिला मुरैना तहसील अंबाह और अपने गांव रुअर का नाम पूरे भारतवर्ष में रोशन किया जिले मे पहली बार मिला है शौर्य चक्र पहले तो शौर्य चक्र सम्मानित विवेक सिंह तोमर के गृह गांव में पार्क को बनने में भी बहुत सारी दिक्कतें आई पर उनके भाई ने काफी भाग दौड़कर प्रशासन के द्वारा पार्क बनाना चालू हुआ जब इसके बाद हबलदार विवेक तोमर की पत्नी रेखा तोमर को 5 जुलाई 2024 को जब दिल्ली में राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू के द्वारा शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया इसकी उपरांत जब रेखा तोमर ने जब अपने गृह क्षेत्र में वापसी की तो शासन और प्रशासन के आल्हा अधिकारी राजनेताओं के द्वारा उनका कोई भी सम्मान नहीं किया गया बल्कि यह बात यहां के सभी राजनेता और सभी प्रशासनिक अधिकारियों को मालूम था की विवेक सिंह तोमर की पत्नी को शौर्य चक्र से दिल्ली में सम्मानित किया गया है बल्कि ऐसे कामों के लिए किसी को निमंत्रण नहीं दिया जाता लेकिन शौर्य चक्र सम्मानितके भाई ने यहां के सभी आल्हा अधिकारी एसडीएम एसडीओपी टीआई और राजनेता विधानसभा अध्यक्ष सांसदों और विधायक और भी राजनेता प्रशासनिक अधिकारियों को भी खबर भेजी पूरे जिले से लेकर और तहसील लेवल तक के प्रशासनिक अधिकारी नेता कोई भी इस सम्मान यात्रा में सम्मिलित नहीं हुआ इतनी बड़ी दुर्दशा है मुरैना जिले की अगर यहा सम्मान यात्रा शायद चुनाव के टाइम पर होती तो नेताओं और प्रशासन के अधिकारियों की कोई भी कमी नहीं होती लाखों रुपए फूल मालाओं खर्च कर देते यहां की नेता
हमारे संवाददाता मोती सिंह तोमर से कुछ देर तक शौर्य चक्र सम्मानित के भाई से बात हुई
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