ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैजनियां

रिपोर्टर- विमल सोनी बेनीगंज


श्री राम कथा के पांचवें दिन मंगलवार को भगवान श्री राम की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कथा व्यास श्रद्धेय आचार्य श्री संतोष भाई जी महाराज ने आस्तिक मुनी आश्रम खसरौल में भक्तों को श्री राम जी के पावन चरित्र से जोड़ा ।

उन्होंने कहा कि भगवान राम के जन्म के बाद पूरे अयोध्या में शहनाई की आवाज गूंज रही थी। श्री राम की बाल लीला संसार की सकारात्मक एवं सुखद आनंदमई लीला है ,भगवान राम की बाल लीला में ही उनके साम्यवादी चिंतन तथा उनका क्रियात्मक रूप स्पष्ट होता है ,जब वह दशरथ के आंगन में बिहार करते हैं और महाराज दशरथ उन्हें भोजन के लिए बुलाते हैं तो वह समता के पोषक होकर बाल शाखाओं के साथ खेला करते हैं और वह भोजन के लिए नहीं आते हैं ‌।

किंतु जब माता कौशल्या उन्हें वात्सल्य भाव से बुलाती है तो वह ठुमक, ठुमक, कर उनके पास चले आते हैं ।आगे कथा में श्री महाराज जी ने बताया कि भगवान राम के साम्यवादी व समतामूलक चिंतन स्पष्ट होता है। बाल में उनकी लीलाओं के दर्शन करने के लिए देवता भी तरसते थे। भगवान शिव खुद ही वीर हनुमान के साथ वेश बदलकर भगवान राम की बाल लीलाओं के दर्शन करने आए थे। आगे श्री महाराज जी ने कहा कि श्री राम कथा का श्रवण कर उनका अनुसरण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। हमें भगवान श्री राम द्वारा स्थापित किए गए आदेशों पर चलने का प्रयास करना चाहिए । कथा का विस्तार देते हुए पूज्य श्री ने कहा जब जीवन में निराशा छा जाए तो व्यक्ति को संत की शरण में जाना चाहिए ।संत राष्ट्र हितकारी होता है भक्तों के बीच कथा की अमृत वर्षा करते हुए कहा कि अगर सुख दुख नहीं होता तो प्रभु की याद न आती ,अंधेरे में रहने वाले लोग ही प्रकाश के महत्व को भलीभांति समझ पाते हैं । कथा व्यास ने आगे कहा कि यह मानवीय स्वभाव है कि लोग सहजता से प्राप्त वस्त्र की ज्यादा कद्र नहीं करते हैं प्रेम के वशीभूत होकर ही प्रभु निर्गुण से सतगुरु सगुण रूप में दर्शन देते हैं। भगवान मनुष्य के मन के अंदर निवास करते हैं लेकिन वह उन्हें तीर्थ स्थानों और मंदिरों में तलाश करता है । जिस प्रकार कस्तूरी मृग की नाभि में होती है लेकिन वह उसकी तलाश में जंगल में भटकता रहता है ।उन्होंने जीवन में यज्ञ की भांति बताते हुए कहा कि इसमें मनुष्य अपने कर्मों की पूर्णाहुति कर देता है। इस अवसर पर कार्यक्रम व्यवस्थापक श्रीमान ठाकुर सतेंद्र सिंह(किसानसेवक) संकल्पी यजमान लाखन सिंह चौहान, ग्राम प्रधान अभय राज सिंह,आनंद मिश्र जी , आशीष अवस्थी ग्राम प्रधान भरावन,गौरव गुप्ता ,उत्तम यादव व अन्य ग्राम व क्षेत्र वासी उपस्थित रहे ।

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