रामलीला में अभूतपूर्व प्रदर्शन क्षेत्र में अभी तक का सबसे अनूठा आयोजन

ब्यूरो चीफ अभिषेक मिश्रा/कैमरा मैन कौशलेन्द्र कुमार

केवट संवाद में उमड़ा जन सैलाब, यमुना नदी में नाव के माध्यम से किया गया सजीव चित्रण


पंचनद धाम,औरैया//प्रदेश के ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश में एकमात्र धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक एवं पुरातत्व महत्व के पवित्र पांच नदियों यमुना, चंबल, सिंध, पहूज और कुंवारी के पवित्र महासंगम पंचनद धाम तीर्थ क्षेत्र में जनपद के सुदूरवर्ती अयना क्षेत्र के यमुना नदी तट पर स्थित ग्राम फरिहा में चल रहे श्री सीताराम महायज्ञ, संत सम्मेलन, शिव महापुराण कथा के साथ-साथ देश के उच्च कोटि के रामलीला के कलाकारों द्वारा रामलीला का भव्य मंचन किया जा रहा है, जिसमें तीनों जनपदों इटावा औरैया और जालौन के क्षेत्र से अपार भीड़ लगातार जुट रही है।


बताते चलें कि पंचनद धाम क्षेत्र क्षेत्र में विगत 13 में से चल रहे श्री सीताराम महायज्ञ के साथ-साथ शिव पुराण एवं महान सत्संग संतो द्वारा संत सम्मेलन के साथ-साथ रात्रि में यमुना नदी तट पर रामलीला का देश के सुप्रसिद्ध कलाकारों द्वारा मंचन किया जा रहा है जिसमें आज भगवान राम एवं केवट संवाद का सजीव चित्रण यमुना नदी में नाव के द्वारा किया गया जिसमें तीनों जनपदों औरैया, इटावा एवं जालौन के सीमावर्ती क्षेत्रों से अपार भीड़ देखने के लिए पहुंच रही है एक आंकलन के अनुसार रात में हुए संवाद में लगभग आठ से दस हजार के बीच रही होगी जो रिकार्ड बन गया। 


ज्ञात हो कि इस आयोजन में भागवत कथा का श्रवण संत शिरोमणि जगतगुरु शंकराचार्य रामानंदाचार्य, युगप्रवर्तक, न्यायिक डॉक्टर सियाराम दास जी माउंट आबू राजस्थान के मुखारविंद से कराया जा रहा है तथा वहीं यज्ञ के सभी शुभ कर्म यज्ञाचार्य पंडित नर्मदा प्रसाद राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता पीएचडी के वरदान हस्त द्वारा विधिवत संपूर्ण कराया जा रहा है इस यज्ञ का भंडारा 23 मई को बड़े ही अभ्यता के साथ किया जाएगा जिसमें सभी लोगों का प्रसादी ग्रहण करने के लिए पहुंचना भी अनिवार्य है और मझखरा महाराज जी द्वारा इसके लिए तीनों जनपदों के सीमावर्ती ग्रामों में डुगडुगिया पिटवाकर आमंत्रित किया गया है यह आयोजन अपने में बहुत ही अभूतपूर्व होने जा रहा है जो क्षेत्र के लिए हर्ष का विषय होगा वहीं इस आयोजन तीनों जनपदों के तमाम गांव लगातार रात दिन अपनी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, आयोजन में स्वच्छ और ठंडे जल के साथ-साथ छाया के लिए अनेक छप्पर और टैंटों की समुचित व्यवस्था संपूर्ण दिन तरह तरह के बाल भोग और चाय और भंडारे का लगातार संचालन तमाम गांव के लगभग 200 स्वंय सेवक महाराज द्वारा कार्यकारिणी के कार्ड सहित वालेंटियर लगातार अपनी अपनी अभूतपूर्व सेवाएं देकर आयोजन को सफल बनाने में रात दिन कड़ी मेहनत कर रहे हैं.!

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