पुरानी रंजिश और फिरौती को लेकर मासूम के मर्डर से क्षेत्र में फैली सनसनी,,

रिपोर्टर अमर सोनकर के साथ

यूट्यूब की घटनाओं से प्रेरित होकर नाबालिक बच्चों ने रची हत्या की साजिश,,

गायब मासूम का शव हत्यारों की निशानदेही पर पास के ही बंद घर से हुआ बरामद

लालगंज रायबरेली। सैम्बसी गांव में बुधवार को सुबह 10 बजे लापता हुए दस वर्षीय बालक का शव पड़ोस के ही एक सुनसान बंद घर से बरामद हुआ है। उसकी गला घोंटकर हत्या की गई है। मौसम की लाश मिलते ही गांव में सनसनी फैल गई। मामले में तीन लोगों को नामजद किया गया है जिन पर रंजिश में बालक का अपहरण करके फिरौती के लिए हत्या किए जाने का आरोप है। प्रभारी निरीक्षक शिव शंकर सिंह ने बताया कि नामजद हत्यारों में से आशुतोष अवस्थी पुत्र चंद्रशेखर अवस्थी को जेल भेज दिया गया है। मृतक यहां अपने ननिहाल करीब एक सप्ताह पहले आया था। मामला कोतवाली क्षेत्र के गांव सैम्बसी का है

गांव के रहने वाले वीरेस मिश्र का भांजा आयुष उर्फ आनंद तिवारी (10 वर्ष) पुत्र संतोष तिवारी करीब सप्ताह पहले ग्राम गंज बासौदा जिला विदिशा (मध्य प्रदेश) से अपने ननिहाल घूमने आया हुआ था।  17 मई गुरुवार को 10 बजे सुबह वह अचानक घर से गायब हो गया। काफी देर तक जब वह दिखाई नहीं दिया, तब परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। किंतु उसका कोई सुराग नहीं लग पाया था। उसके बाद परिजनों ने बालक के अपहरण की आशंका जताते हुए पुलिस को सूचित किया और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी।

 मासूम बालक के गायब होने की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। बालक के लापता होने की सूचना इंटरनेट मीडिया में भी पुलिस द्वारा प्रसारित की गई। उसके बाद जब पुलिस ने गहनता से छानबीन शुरू की और गांव के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि उसे अंतिम बार गांव के एक किशोर के साथ देखा गया था।

पुलिस ने किशोर को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पहले पहले वह घटना के प्रति अंजान बना रहा। उसके बाद जब कोतवाल शिव शंकर सिंह ने उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सारा राज उगल दिया। हत्यारे के बताये अनुसार पुलिस ने मृतक के ननिहाल के घर के पास और आरोपी हत्यारों के घर से जुड़े गंगा शरण मिश्र के बंद मकान से उसका शव बरामद कर अपहरण की गुत्थी सुलझाने में सफलता प्राप्त की। बरामद मासूम के शव के हाथ पैर बंधे हुए थे। हत्यारों ने पहले उसके ही कपड़े से उसके हाथ पैर बांध दिये थे। फिर उसके ही लोअर के नारे से गला घोट कर हत्या कर दी । यहां तक की हत्यारों ने मासूम के मुंह में चप्पल भी ठूंस रखी थी। हत्या के बाद आरोपी हत्यारों ने मासूम के शव को पड़ोसी के घर में छुपा कर स्वयं भी उसके परिवार वालों के साथ खोजबीन कराने में जुट गए थे। लेकिन लालगंज इंस्पेक्टर शिव शंकर सिंह ने जब स्वयं मृतक के घर के आसपास के बच्चों से पूछताछ शुरू की तो अपहरण की गुत्थी सुलझने में देर नहीं लगी और पुलिस को 16 घंटे के अंदर ही मामले को सुलझाने में सफलता मिल गई। हालांकि तब तक बच्चे की हत्या हो चुकी थी।

वहीं बुधवार की देर रात पुलिस द्वारा बंद घर से शव बरामद करने के बाद अपर पुलिस अधीक्षक नवीन कुमार सिंह ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की  और हिरासत में लिए गए किशोर से पूछताछ की है। सीओ महिपाल पाठक ने बताया कि लापता बालक का शव बरामद कर लिया गया है । उन्होंने बताया कि  पुरानी रंजिश और फिरौती के लालच के चलते मासूम की हत्या हुई है। लालगंज प्रभारी निरीक्षक शंकर सिंह ने बताया कि मृतक मासूम के मामा वीरेश मिश्र की तहरीर पर आशुतोष अवस्थी, मनमोहन अवस्थी और चंद्रशेखर अवस्थी के खिलाफ हत्या की धारा 302, 263ए,,201 के तहत मामला दर्ज कर आशुतोष अवस्थी को जेल भेजा जा रहा है

इनसेट 

फिरौती के लालच में की दुस्साहसिक घटना

लालगंज रायबरेली।

मृतक के परिजनों का आरोप है कि उनके गांव के आशुतोष अवस्थी, चंद्र शेखर अवस्थी और मनमोहन अवस्थी से उनकी रंजिश है। इसी रंजिश में इन लोगों ने मृतक का अपहरण किया था। वह लोग अपहरण करके फिरौती मांगना चाह रहे थे। किंतु जब उसको अपने घर से जुड़े बंद घर में बंधक बनाया तो आयुष ने उनसे संघर्ष शुरू कर दिया। उसके बाद पोल खुलने की डर से सबने मिलकर उसकी हत्या कर दी। लालगंज पुलिस ने हत्या का एक चश्मदीद गवाह भी ढूंढ निकाला है लेकिन वह भी एक नाबालिक बच्चा है। जिसने बताया कि उसके सामने आयुष की हत्या आरोपियों के द्वारा की गई है। बताते चलें कि हत्या में नामजद आरोपियों में से चंद्रशेखर अवस्थी के दोनों बच्चे नाबालिक हैं। जैसा कि पुलिस बताती है कि आरोपी आशुतोष अवस्थी ने बताया है कि उसने यूट्यूब में फिरौती और अपहरण की घटनाओं को देखकर अपने गांव में मासूम के मर्डर की घटना कार्य की है।

मासूम की हत्या के बाद से सैम्बसी गांव में है पुलिस का कड़ा पहरा

लालगंज रायबरेली। बदले की भावना से किसी प्रकार की कोई और बड़ी घटना ना घटित हो जाए इसके चलते सैम्बसी गांव में पुलिस का कड़ा पहरा है। लालगंज और खीरों पुलिस मृतक मासूम और हत्यारों के घर पर निगाह रख रही है। गांव में पुलिस की हलचल बढ़ गई है। निश्चित रूप से मामला सामान्य होने तक वहां पर पुलिस मौजूद रहेगी

इकलौते पुत्र की हत्या से मां-बाप सहित ननिहाल के लोगों का रो रो कर बुरा हाल 

लालगंज रायबरेली। मृतक मासूम आयुष अपने माता पिता की इकलौती संतान थी। ननिहाल आए भांजे की मौत से जहां मामा और उनके परिजन का रो रो कर बुरा हाल है। वही मासूम आयुष की मां रूपाली तिवारी और पिता संतोष तिवारी का भी रो रो कर बुरा हाल है ।बताते चलें कि मासूम आयुष अपनी मां रूपाली तिवारी के साथ छुट्टी में ननिहाल आया था जहां उसकी फिरौती के लालच में गांव के ही लोगों ने हत्या कर दी। बालक के गायब होने की सूचना पर पिता संतोष तिवारी भी अपने गांव से सैमसी के लिए निकले थे लेकिन यहां पहुंचने पर उन्हें अपने बच्चे की लाश से रूबरू होना पड़ा जिसके चलते वह भी बुरी तरह रो बिलख रहे थे। घर का चिराग बुझ जाने से मां कई बार बेहोश भी हो गई।पुरानी रंजिश और फिरौती को लेकर मासूम के मर्डर से क्षेत्र में फैली सनसनी,,

यूट्यूब की घटनाओं से प्रेरित होकर नाबालिक बच्चों ने रची हत्या की साजिश,,

गायब मासूम का शव हत्यारों की निशानदेही पर पास के ही बंद घर से हुआ बरामद

लालगंज रायबरेली। सैम्बसी गांव में बुधवार को सुबह 10 बजे लापता हुए दस वर्षीय बालक का शव पड़ोस के ही एक सुनसान बंद घर से बरामद हुआ है। उसकी गला घोंटकर हत्या की गई है। मौसम की लाश मिलते ही गांव में सनसनी फैल गई। मामले में तीन लोगों को नामजद किया गया है जिन पर रंजिश में बालक का अपहरण करके फिरौती के लिए हत्या किए जाने का आरोप है। प्रभारी निरीक्षक शिव शंकर सिंह ने बताया कि नामजद हत्यारों में से आशुतोष अवस्थी पुत्र चंद्रशेखर अवस्थी को जेल भेज दिया गया है। मृतक यहां अपने ननिहाल करीब एक सप्ताह पहले आया था। मामला कोतवाली क्षेत्र के गांव सैम्बसी का है।

गांव के रहने वाले वीरेस मिश्र का भांजा आयुष उर्फ आनंद तिवारी (10 वर्ष) पुत्र संतोष तिवारी करीब सप्ताह पहले ग्राम गंज बासौदा जिला विदिशा (मध्य प्रदेश) से अपने ननिहाल घूमने आया हुआ था।  17 मई गुरुवार को 10 बजे सुबह वह अचानक घर से गायब हो गया। काफी देर तक जब वह दिखाई नहीं दिया, तब परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। किंतु उसका कोई सुराग नहीं लग पाया था। उसके बाद परिजनों ने बालक के अपहरण की आशंका जताते हुए पुलिस को सूचित किया और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी।

 मासूम बालक के गायब होने की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। बालक के लापता होने की सूचना इंटरनेट मीडिया में भी पुलिस द्वारा प्रसारित की गई। उसके बाद जब पुलिस ने गहनता से छानबीन शुरू की और गांव के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि उसे अंतिम बार गांव के एक किशोर के साथ देखा गया था।

पुलिस ने किशोर को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पहले पहले वह घटना के प्रति अंजान बना रहा। उसके बाद जब कोतवाल शिव शंकर सिंह ने उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सारा राज उगल दिया। हत्यारे के बताये अनुसार पुलिस ने मृतक के ननिहाल के घर के पास और आरोपी हत्यारों के घर से जुड़े गंगा शरण मिश्र के बंद मकान से उसका शव बरामद कर अपहरण की गुत्थी सुलझाने में सफलता प्राप्त की। बरामद मासूम के शव के हाथ पैर बंधे हुए थे। हत्यारों ने पहले उसके ही कपड़े से उसके हाथ पैर बांध दिये थे। फिर उसके ही लोअर के नारे से गला घोट कर हत्या कर दी । यहां तक की हत्यारों ने मासूम के मुंह में चप्पल भी ठूंस रखी थी। हत्या के बाद आरोपी हत्यारों ने मासूम के शव को पड़ोसी के घर में छुपा कर स्वयं भी उसके परिवार वालों के साथ खोजबीन कराने में जुट गए थे। लेकिन लालगंज इंस्पेक्टर शिव शंकर सिंह ने जब स्वयं मृतक के घर के आसपास के बच्चों से पूछताछ शुरू की तो अपहरण की गुत्थी सुलझने में देर नहीं लगी और पुलिस को 16 घंटे के अंदर ही मामले को सुलझाने में सफलता मिल गई। हालांकि तब तक बच्चे की हत्या हो चुकी थी।

वहीं बुधवार की देर रात पुलिस द्वारा बंद घर से शव बरामद करने के बाद अपर पुलिस अधीक्षक नवीन कुमार सिंह ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की  और हिरासत में लिए गए किशोर से पूछताछ की है। सीओ महिपाल पाठक ने बताया कि लापता बालक का शव बरामद कर लिया गया है । उन्होंने बताया कि  पुरानी रंजिश और फिरौती के लालच के चलते मासूम की हत्या हुई है। लालगंज प्रभारी निरीक्षक शंकर सिंह ने बताया कि मृतक मासूम के मामा वीरेश मिश्र की तहरीर पर आशुतोष अवस्थी, मनमोहन अवस्थी और चंद्रशेखर अवस्थी के खिलाफ हत्या की धारा 302, 263ए,,201 के तहत मामला दर्ज कर आशुतोष अवस्थी को जेल भेजा जा रहा है

इनसेट 

फिरौती के लालच में की दुस्साहसिक घटना

लालगंज रायबरेली।

मृतक के परिजनों का आरोप है कि उनके गांव के आशुतोष अवस्थी, चंद्र शेखर अवस्थी और मनमोहन अवस्थी से उनकी रंजिश है। इसी रंजिश में इन लोगों ने मृतक का अपहरण किया था। वह लोग अपहरण करके फिरौती मांगना चाह रहे थे। किंतु जब उसको अपने घर से जुड़े बंद घर में बंधक बनाया तो आयुष ने उनसे संघर्ष शुरू कर दिया। उसके बाद पोल खुलने की डर से सबने मिलकर उसकी हत्या कर दी। लालगंज पुलिस ने हत्या का एक चश्मदीद गवाह भी ढूंढ निकाला है लेकिन वह भी एक नाबालिक बच्चा है। जिसने बताया कि उसके सामने आयुष की हत्या आरोपियों के द्वारा की गई है। बताते चलें कि हत्या में नामजद आरोपियों में से चंद्रशेखर अवस्थी के दोनों बच्चे नाबालिक हैं। जैसा कि पुलिस बताती है कि आरोपी आशुतोष अवस्थी ने बताया है कि उसने यूट्यूब में फिरौती और अपहरण की घटनाओं को देखकर अपने गांव में मासूम के मर्डर की घटना कार्य की है।

इनसेट 

मासूम की हत्या के बाद से सैम्बसी गांव में है पुलिस का कड़ा पहरा

लालगंज रायबरेली। बदले की भावना से किसी प्रकार की कोई और बड़ी घटना ना घटित हो जाए इसके चलते सैम्बसी गांव में पुलिस का कड़ा पहरा है। लालगंज और खीरों पुलिस मृतक मासूम और हत्यारों के घर पर निगाह रख रही है। गांव में पुलिस की हलचल बढ़ गई है। निश्चित रूप से मामला सामान्य होने तक वहां पर पुलिस मौजूद रहेगी।

इकलौते पुत्र की हत्या से मां-बाप सहित ननिहाल के लोगों का रो रो कर बुरा हाल 

लालगंज रायबरेली। मृतक मासूम आयुष अपने माता पिता की इकलौती संतान थी। ननिहाल आए भांजे की मौत से जहां मामा और उनके परिजन का रो रो कर बुरा हाल है। वही मासूम आयुष की मां रूपाली तिवारी और पिता संतोष तिवारी का भी रो रो कर बुरा हाल है ।बताते चलें कि मासूम आयुष अपनी मां रूपाली तिवारी के साथ छुट्टी में ननिहाल आया था जहां उसकी फिरौती के लालच में गांव के ही लोगों ने हत्या कर दी। बालक के गायब होने की सूचना पर पिता संतोष तिवारी भी अपने गांव से सैमसी के लिए निकले थे लेकिन यहां पहुंचने पर उन्हें अपने बच्चे की लाश से रूबरू होना पड़ा जिसके चलते वह भी बुरी तरह रो बिलख रहे थे। घर का चिराग बुझ जाने से मां कई बार बेहोश भी हो गई।पुरानी रंजिश और फिरौती को लेकर मासूम के मर्डर से क्षेत्र में फैली सनसनी,,

यूट्यूब की घटनाओं से प्रेरित होकर नाबालिक बच्चों ने रची हत्या की साजिश,,

गायब मासूम का शव हत्यारों की निशानदेही पर पास के ही बंद घर से हुआ बरामद

लालगंज रायबरेली। सैम्बसी गांव में बुधवार को सुबह 10 बजे लापता हुए दस वर्षीय बालक का शव पड़ोस के ही एक सुनसान बंद घर से बरामद हुआ है। उसकी गला घोंटकर हत्या की गई है। मौसम की लाश मिलते ही गांव में सनसनी फैल गई। मामले में तीन लोगों को नामजद किया गया है जिन पर रंजिश में बालक का अपहरण करके फिरौती के लिए हत्या किए जाने का आरोप है। प्रभारी निरीक्षक शिव शंकर सिंह ने बताया कि नामजद हत्यारों में से आशुतोष अवस्थी पुत्र चंद्रशेखर अवस्थी को जेल भेज दिया गया है। मृतक यहां अपने ननिहाल करीब एक सप्ताह पहले आया था। मामला कोतवाली क्षेत्र के गांव सैम्बसी का है।

गांव के रहने वाले वीरेस मिश्र का भांजा आयुष उर्फ आनंद तिवारी (10 वर्ष) पुत्र संतोष तिवारी करीब सप्ताह पहले ग्राम गंज बासौदा जिला विदिशा (मध्य प्रदेश) से अपने ननिहाल घूमने आया हुआ था।  17 मई गुरुवार को 10 बजे सुबह वह अचानक घर से गायब हो गया। काफी देर तक जब वह दिखाई नहीं दिया, तब परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। किंतु उसका कोई सुराग नहीं लग पाया था। उसके बाद परिजनों ने बालक के अपहरण की आशंका जताते हुए पुलिस को सूचित किया और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी।

 मासूम बालक के गायब होने की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। बालक के लापता होने की सूचना इंटरनेट मीडिया में भी पुलिस द्वारा प्रसारित की गई। उसके बाद जब पुलिस ने गहनता से छानबीन शुरू की और गांव के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि उसे अंतिम बार गांव के एक किशोर के साथ देखा गया था।

पुलिस ने किशोर को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पहले पहले वह घटना के प्रति अंजान बना रहा। उसके बाद जब कोतवाल शिव शंकर सिंह ने उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सारा राज उगल दिया। हत्यारे के बताये अनुसार पुलिस ने मृतक के ननिहाल के घर के पास और आरोपी हत्यारों के घर से जुड़े गंगा शरण मिश्र के बंद मकान से उसका शव बरामद कर अपहरण की गुत्थी सुलझाने में सफलता प्राप्त की। बरामद मासूम के शव के हाथ पैर बंधे हुए थे। हत्यारों ने पहले उसके ही कपड़े से उसके हाथ पैर बांध दिये थे। फिर उसके ही लोअर के नारे से गला घोट कर हत्या कर दी । यहां तक की हत्यारों ने मासूम के मुंह में चप्पल भी ठूंस रखी थी। हत्या के बाद आरोपी हत्यारों ने मासूम के शव को पड़ोसी के घर में छुपा कर स्वयं भी उसके परिवार वालों के साथ खोजबीन कराने में जुट गए थे। लेकिन लालगंज इंस्पेक्टर शिव शंकर सिंह ने जब स्वयं मृतक के घर के आसपास के बच्चों से पूछताछ शुरू की तो अपहरण की गुत्थी सुलझने में देर नहीं लगी और पुलिस को 16 घंटे के अंदर ही मामले को सुलझाने में सफलता मिल गई। हालांकि तब तक बच्चे की हत्या हो चुकी थी।

वहीं बुधवार की देर रात पुलिस द्वारा बंद घर से शव बरामद करने के बाद अपर पुलिस अधीक्षक नवीन कुमार सिंह ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की  और हिरासत में लिए गए किशोर से पूछताछ की है। सीओ महिपाल पाठक ने बताया कि लापता बालक का शव बरामद कर लिया गया है । उन्होंने बताया कि  पुरानी रंजिश और फिरौती के लालच के चलते मासूम की हत्या हुई है। लालगंज प्रभारी निरीक्षक शंकर सिंह ने बताया कि मृतक मासूम के मामा वीरेश मिश्र की तहरीर पर आशुतोष अवस्थी, मनमोहन अवस्थी और चंद्रशेखर अवस्थी के खिलाफ हत्या की धारा 302, 263ए,,201 के तहत मामला दर्ज कर आशुतोष अवस्थी को जेल भेजा जा रहा है

फिरौती के लालच में की दुस्साहसिक घटना

लालगंज रायबरेली।

मृतक के परिजनों का आरोप है कि उनके गांव के आशुतोष अवस्थी, चंद्र शेखर अवस्थी और मनमोहन अवस्थी से उनकी रंजिश है। इसी रंजिश में इन लोगों ने मृतक का अपहरण किया था। वह लोग अपहरण करके फिरौती मांगना चाह रहे थे। किंतु जब उसको अपने घर से जुड़े बंद घर में बंधक बनाया तो आयुष ने उनसे संघर्ष शुरू कर दिया। उसके बाद पोल खुलने की डर से सबने मिलकर उसकी हत्या कर दी। लालगंज पुलिस ने हत्या का एक चश्मदीद गवाह भी ढूंढ निकाला है लेकिन वह भी एक नाबालिक बच्चा है। जिसने बताया कि उसके सामने आयुष की हत्या आरोपियों के द्वारा की गई है। बताते चलें कि हत्या में नामजद आरोपियों में से चंद्रशेखर अवस्थी के दोनों बच्चे नाबालिक हैं। जैसा कि पुलिस बताती है कि आरोपी आशुतोष अवस्थी ने बताया है कि उसने यूट्यूब में फिरौती और अपहरण की घटनाओं को देखकर अपने गांव में मासूम के मर्डर की घटना कार्य की है।

मासूम की हत्या के बाद से सैम्बसी गांव में है पुलिस का कड़ा पहरा

लालगंज रायबरेली। बदले की भावना से किसी प्रकार की कोई और बड़ी घटना ना घटित हो जाए इसके चलते सैम्बसी गांव में पुलिस का कड़ा पहरा है। लालगंज और खीरों पुलिस मृतक मासूम और हत्यारों के घर पर निगाह रख रही है। गांव में पुलिस की हलचल बढ़ गई है। निश्चित रूप से मामला सामान्य होने तक वहां पर पुलिस मौजूद रहेगी।

इकलौते पुत्र की हत्या से मां-बाप सहित ननिहाल के लोगों का रो रो कर बुरा हाल 

लालगंज रायबरेली। मृतक मासूम आयुष अपने माता पिता की इकलौती संतान थी। ननिहाल आए भांजे की मौत से जहां मामा और उनके परिजन का रो रो कर बुरा हाल है। वही मासूम आयुष की मां रूपाली तिवारी और पिता संतोष तिवारी का भी रो रो कर बुरा हाल है ।बताते चलें कि मासूम आयुष अपनी मां रूपाली तिवारी के साथ छुट्टी में ननिहाल आया था जहां उसकी फिरौती के लालच में गांव के ही लोगों ने हत्या कर दी। बालक के गायब होने की सूचना पर पिता संतोष तिवारी भी अपने गांव से सैमसी के लिए निकले थे लेकिन यहां पहुंचने पर उन्हें अपने बच्चे की लाश से रूबरू होना पड़ा जिसके चलते वह भी बुरी तरह रो बिलख रहे थे। घर का चिराग बुझ जाने से मां कई बार बेहोश भी हो गई।

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