एन.एच.पी.सी ने सीएसआर के तहत ट्राइबल विद्यालयों में कराया अभिभावक प्रतीक्षा कक्षों का निर्माण*



*चित्रकूट में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री सिसोदिया ने किया लोकार्पण

चित्रकूट/ नेशनल हाइड्रो पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (एन.एच.पी.सी) द्वारा दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा संचालित आवासीय ट्राइबल विद्यालयों में अभिभावकों के आगमन पर बैठक एवं विश्राम हेतु सीएसआर के अन्तर्गत अभिभावक प्रतीक्षा कक्षों का निर्माण कराया गया है। जिसका लोकार्पण शनिवार को चित्रकूट के रामनाथ आश्रम शाला में मध्यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया द्वारा किया गया। इस दौरान महात्मा गॉंधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ भरत मिश्रा, दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन, भाजपा मंडल अध्यक्ष राव प्रबल श्रीवास्तव सहित मझगवां के एसडीएम, तहसीलदार, जनपद सीईओ व स्थानीय गणमान्य नागरिक एवं अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। 

एनएचपीसी द्वारा सीएसआर के तहत मझगवां के कृष्णा देवी वनवासी बालिका आवासीय विद्यालय, गनीवां-चित्रकूट के परमानन्द आश्रम पद्धति विद्यालय एवं पीली कोठी स्थित चित्रकूट के रामनाथ आश्रम पद्धति विद्यालय में अभिभावक प्रतीक्षा कक्षों का निर्माण कराया गया है। 

इस अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव  अभय महाजन ने कहा कि राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख का शैक्षिक चिंतन उनके अन्य सामाजिक आयामों के चिंतन की तरह अति विशिष्ट था, नयापन लिए हुए था। उन्होंने छात्रों के विकास के लिए माता-पिता व विद्यालय को परस्पर मिलकर कार्य करने की बात कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्र ऋषि नानाजी के सपनों को साकार रूप देने का कार्य इन विद्यालय के विद्यार्थी कर रहे हैं। इन विद्यालय के छात्र समाज जीवन के विविध पहलुओं पर सृजनात्मक व विकासात्मक कार्य में संलग्न हो, ऐसी संस्थान की अपेक्षा है। शिक्षक, शिक्षार्थी और अभिभावकों का त्रिवेणी संगम ही बाल विकास का माध्यम बनता है। 

*एन.एच.पी.सी ने सामाजिक दायित्व का किया निर्वहन*

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री सिसोदिया ने कहा कि एन.एच.पी.सी. के सामाजिक दायित्वों के तहत किये गये इस कार्य की सराहना करता हूं। उन्होंने कहा कि विद्यालय के बच्चों के अभिभावकों के लिए इन प्रतीक्षा कक्षों के निर्माण से पालक-शिक्षक-शिक्षार्थी तीनों के साथ परस्पर बातचीत और बैठक के लिए अनुकूल स्थान मिल सकेगा।

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