उमरार का संरक्षण... जिला प्रशासन के लिए चुनौती बने भूमाफिया


नही हो सकी कोई कार्यवाही*

इंडिया रिपब्लिक न्यूज़ चैनल से फैज मोहम्मद की रिपोर्ट उमरिया

उमरिया जिला मुख्यालय से होकर गुजरने वाली उमरार नदी वैसे तो अपने अस्तित्व को खो चुकी है, जिसके संवर्धन के लिए जिला प्रशासन वर्ष 1998 से प्रयास रत है, परंतु समय के बदलते परिवेश में आबादी का बढ़ना और भूमाफिया का नदी की भूमि पर दखल देना उमरार के लिए आज खतरा बन बैठा है॥ ऐसा नही है कि समय समय पर जिला प्रशासन ने कार्यवाही नही की, लेकिन नदी की भूमि से अतिक्रमण को हटा पाने में सभी नाकाम रहे, नतीजतन यह हुआ कि आज नदी नाली का रुप ले चुकी है और अब नेता और जिला प्रशासन सहित जिम्मेदार अधिकारी उमरार को सफाई का पैजामा पहनाकर उसके पुनर्जन्म का ढोल पीट रहे हैं और भूमाफिया जिला प्रशासन के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं॥ 


*राजस्व विभाग की अहम भूमिका*

उमरार नदी पर भूमाफिया के काले साये को लेकर पूर्व विधायक व कांग्रेस जिलाध्यक्ष अजय सिंह ने जमकर विरोध किया, लेकिन उसका असर जिला प्रशासन पर एक तिनका बराबर भी नही पड़ा॥ उमरिया की लाइफ लाइन कहे जाने वाली उमरार नदी के उद्गम स्थल से लेकर महानदी के संगम तट तक नदी के रकबे पर भूमाफिया ने अपना हक बताकर बेच डाला॥ हालांकि इसमें सबसे अहम रोल अदा करने वाले राजस्व विभाग को भी हवन का हिस्सा दिया जाता है, जिसमें आरआई और पटवारी सहित अन्य जिम्मेदार जो रजिस्ट्री के लिए सत्यापित दस्तावेज देते हैं उनके नाम की आहूति दी जाती है, जिसके बाद वह खुश होते हैं और फिर कागज तैयार करते हैं, जहां भूस्वामी के बगल भी भूमि लेकर अन्य बची नदी की जमीन को भी पाटकर उसमें प्लाटिंग करते हुए बेचा जाता है॥ 


*नदी सब बचाना चाह रहे, लेकिन कार्यवाही कोई नही चाह रहा..?*

उमरिया जिला मुख्यालय में उमरार नदी को लेकर वैसे तो तमाम पार्टियों के नेताओं ने कभी मंच के माध्यम से तो कभी खलेसर घाट पर खड़े होकर इसे साफ करने का दंभ भरा लेकिन वह साफ नही हो पाई, यहां तक कि सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने तो उमरार पुनर्जन्म को लेकर नदी में बड़ी बड़ी मशीनें उतार दी और अपने फायदे के लिए एक किनारे को काट डाला और दूसरे किनारे पर भर डाला जिससे एक बड़ा रकबा जमीन का निकला जिसे बारी बारी से बेच दिया गया जहां आज मंजिला इमारत खड़ी है॥ उमरार नदी को बचाने वैसे तो सभी तैयार हैं, पर अतिक्रमण को हटाने और भूमाफिया पर कार्यवाही करने कोई भी आगे नही आ रहा है॥ अब देखना होगा कि एक बार फिर उमरार नदी को बचाने जिला प्रशासन रुपी जिन्न संदूक के बाहर निकला है और कब तक या कहां उमरार की सफाई हो पाती है और भूमाफिया पर क्या कार्यवाही हो पाती है॥ 


*इनका कहना है:-*

नदी को अगर बचाना है तो उसे अतिक्रमण से मुक्त करना होगा और भूमाफिया पर कार्यवाही करनी होगी

*अजय सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष उमरिया*


ऐसा नही है कि कार्यवाही नही होती, उमरार नदी को बचाने हरसंभव प्रयास होगें, अगर नदी की भूमि पर अतिक्रमण है तो कार्यवाही होगी, 

*के. डी. 

कलेक्टर उमरिया*

Comments

Popular posts from this blog