केल्हारी के वन परिक्षेत्र अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र से हमेशा रहते हैं नदारद,उनको मिल रहा बड़े अधिकारियों का संरक्षण

लोकेशन- एमसीबी/ छत्तीसगढ़

संवाददाता:- सुरेश कुमार


केल्हारी परिक्षेत्र के वन अधिकारी राम सागर कुर्रे हमेशा अपने कार्यक्षेत्र व आफ़िस से नदारद पाये जाते हैं, वन परिक्षेत्र में किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए अगर अधिकारी से सम्पर्क करने की कोशिश की जाती है तो उनसे कभी भी मुलाकात नहीं हो पाती है और फ़ोन करने पर न ही फ़ोन रिसीव किया जाता है न ही पुनः कॉल किया जाता है ।

सूत्रों के हवाले से पता चलता है कि क्षेत्र में कई तरह के आवेदन किए जा रहे हैं परंतु अधिकारी अपने क्षेत्र में हमेशा  नदारद पाए जाते हैं,चुकी यह क्षेत्र एमपी एवं छत्तीसगढ़ की बॉर्डर होने के कारण भी कई तरह के अवैध परिवहन जैसे (अवैध लकड़ी और एमपी से बराबर धान) का परिवहन होते रहते हैं 

साथ ही शासन द्वारा अपने वन अधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र एमसीबी में निवास स्थल देने के बावजूद राम सागर कुर्रे जी us निवास स्थान जो शासन द्वारा इन्हे दिया गया है उसको छोड़ कर दूसरे  जिले कोरिया  में निवास करते हैं जिससे शासन को एवं वन परीक्षेत्र को  नुकसान होने की आशंका बनी रहती है ......

  इससे एक बात और सोचने वाली है की इनका रोज दूसरे जिले कोरिया से रोज आने जाने पर को पेट्रोल इनकी गाड़ी में लगता है उसका खर्च जो लगभग 2000 रुपए के आसपास है मतलब 60000 महीना होता है कहा से मिलता है शासकीय वेतन  जो इनको दिया जाता है उसे परिवहन करना संभव नहीं है   और अगर शासन नहीं देती तो क्या ये अपने पेमेंट से वहन करते हैं या फिर ये वनों की रक्षा शासन द्वारा जो राशि उपलब्ध किए जाते है उसमे से यह कहना गलत नही होगा की  ये बंदरबांट करके पूर्ति करते है ये भी एक जांच का विषय है 


बात यहीं खत्म नहीं हुई। वन परिक्षेत्र अधिकारी  केल्हारी रामसागर कुर्रे द्वारा डब्ल्यूबीएम सड़क योजना सड़क निर्माण कुछ समय पहले ही किया गया है, इसपर कुछ पत्रकारों द्वारा जब उस सड़क का निरीक्षण करने गए तो शासन के पैसे का दुरुपयोग होते हुए देखा गया कि सड़क के बगल को खोदकर मिट्टी निकालकर बड़े-बड़े रोड़ा पत्थर का उपयोग कर डब्ल्यूबीएम सड़क तैयार किया गया है साफ-सुथरे तरीके से यह कहना गलत नही होगा कि शासन के पैसे का दुरुपयोग करके बंदर बांट किया गया है जब पत्रकारों द्वारा ग्रामीणों से बात करने पर यह पता चला कि वन विभाग द्वारा ऐसे कई बार सड़क बनाने के नाम से बगल से मिट्टी और पत्थर को डाल कर छोड़ दिया जाता है जिससे ग्रामीण क्षेत्र के रहवासियों को बरसात के मौसम में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए पत्रकारों ने रामसागर कुर्रे से बात करने की कोशिश की तो उनके द्वारा भड़कते हुए यह कहा गया कि मेरे कार्य में बाधा डालने वाले तुम होते कौन हो । तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई सरकारी कार्य में दखल देने की । सरकारी अधिकारी होते हुए भी पत्रकारों पर भड़कते हुए अपना आपा खो दिए और बातों ही बातों में धमकी भी दे डाला कि मैं तुम लोगों पर केस दर्ज करके बड़ी धारा लगवाकर जेल की हवा खिलवा दूंगा ।मुझे अभी तक आप लोग जाने कहां हो.......

और रह गई छापने की तो जिसको जो छापना है छाप दो क्यों की हम अपने उच्च अधिकारियों को बराबर कमीसन देते है  मेरा कुछ नहीं बिगड़ने वाला  साथ ही एक बड़े राजनेता का भी हाथ इनके सर पर है जिससे इनका मनोबल बढ़ा हुआ है ।

अब देखनी वाली बात यह है कि इस खबर को पढ़ने के बाद उच्च अधिकारी  इन पर कोई कार्यवाही करते हैं या खबर को दरकिनार करते हुए अंधेर नगरी चौपट राजा वाली मुहावरे को दोहराते हैं।

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