चुंबक की तरह मनुष्य को खींचती है भागवत कथा-पंडित कृष्ण मुरारी त्रिवेदी
जनपद हरदोई के ग्राम अब्दुल्लानगर में हो रही भागवत कथा जो अनवरत कई सालों से होती आ रही है मुख्य यजमान पंडित मूलचंद्र शुक्ला जी से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह भागवत कथा प्रत्येक शारदीय नवरात्रि में आयोजित होती है और विगत लगभग 70 सालों से होती आई है वहीं कथा में पधारे कथावाचक कृष्ण मुरारी त्रिवेदी ने कहा कि भगवान के चरणों में जितना समय बीत जाए उतना अच्छा है। संसार में एक-एक पल बहुत कीमती है। जो बीत गया उसे जाने दें। इसलिए जीवन को व्यर्थ में बर्बाद नहीं करना चाहिए। भगवान द्वारा प्रदान किए गए जीवन को भगवान के साथ और भगवान के सत्संग में ही व्यतीत करना चाहिए।
इस संसार में जो भगवान का भजन न कर सके वह सबसे बड़ा भाग्यहीन है। भगवान इस धरती पर बार-बार इसलिए आते हैं ताकि हम कलयुग में उनकी कथाओं का आनंद ले सकें और कथाओं के माध्यम से अपना चित्त शुद्ध कर सकें।
भागवत कथा चुंबक की तरह काम करती है जो मनुष्य के मन को अपनी ओर खींचती है। इसके माध्यम से हमारा मन भगवान से लग जाता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से ही जीव का कल्याण हो जाता है।
व्यास जी ने जब भगवत प्राप्ति का ग्रंथ लिखा, तब भागवत नाम दिया गया। बाद में इसे श्रीमद्भागवत नाम दिया गया। जो व्यक्ति भागवत सुनता है उसका अहंकार दूर हो जाता है।
आपको बताते चले पिछले कई वर्षो से लगातार होती आ रही भागवत कथा में अंतिम दिवस पर शंकर जी की बारात का दिन में आयोजन होता है जो तुरांतनाथ बाबा मंदिर से होती हुई पूरे गांव में भ्रमण करके शाम को वापस मंदिर पहुंचती है जिसके बाद विशाल जागरण का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते है।
जागरण के मुख्य आकर्षण है बहुत ख़ास।।
रात्रि के समय होने वाला जागरण अपने आप में बहुत ख़ास होता है जहां पर घर के ही कलाकार अदभुत झांकियों द्वारा दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते है वहीं मसाने की होली,पागल बाबा की झांकी,सूकर सनीचर की झांकी,कृष्ण सुदामा मिलाप,शंकर जी की बारात आदि जागरण के मुख्य आकर्षण होते है।
अगर आप भी इस कथा में शामिल होना चाहते है और जागरण का आनंद लेना चाहते है तो आपको हरदोई से पिहानी होते हुए ग्राम अब्दुल्लानगर पहुंचना होगा शंकर जी की बारात का भव्य आयोजन दिनांक 04 अक्टूबर को सुबह 7 बजे से होता है जो अगले दिन जागरण के साथ समाप्त होता है इस वर्ष मैगलगंज से पधारे कथा व्यास पंडित कृष्ण मुरारी त्रिवेदी के सानिध्य में श्रोता कथा का आनंद ले रहे है ।
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