श्रद्धा भक्ति और विश्वास से होते है परमात्मा के दर्शन
लोकेशन - ठाकुरद्वारा ( मुरादाबाद), रिपोर्टर - रजनीश कुमार
मुरादाबाद जिले की तहसील ठाकुरद्वारा मे स्थित नगरपालिका के मंदिर मे यजमान महेश सिंह के द्वारा हरिवंश पुराण की कथा का भव्य आयोजन किया गया । इस अवसर पर विशाल कलश यात्रा संपन्न हुई । नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए मंदिर मे आकर सभी कलश स्थापित किये गये । नैमिषारण्य क्षेत्र के प्रसिद्ध कथाव्यास द्विजेन्द्र वाजपेयी ने इस अवसर पर कहा कि परमात्मा को प्राप्त करने के लिए किसी भी प्रकार के दिखावे की आवश्यकता नही होती । वह तो विशुद्ध प्रेम का भूखा है जो शबरी के जूठे बेर खाकर प्रसन्न हो जाता है । दुर्योधन के धन वैभव को छोड़कर विदुर के घर रूखा सूखा भोजन खाकर द्रवित हो जाता है । भाव भक्ति से अपने भक्तो का सदा कल्याण करने वाले भगवान का ने स्वयं कहा है कि -" निर्मल मन जन सो मोहि पावा । मोहि कपट छल छिद्र न भावा ।" इस प्रकार भगवान श्री कृष्ण के अवतार और उनकी बाललीला की कथा सुनकर भक्त झूम उठे । ब्रजमण्डल मे रहते हुये श्री कृष्ण ने एक बार यमुना के किनारे बाल गोपालो के साथ कन्दुक क्रीणा शुरू की और जानबूझकर यमुना मे गेद उस जगह गिराई जहाभयंकर कालिया नाग रहता था । जिसके विष के प्रभाव से यमुना का पानी विषैला हो गया था । कृष्ण ने कालिया नाग का दमन करके यमुना के जल को पीने योग्य बनाया । भोले भाले ग्वाल बालो को खेल खेल मे जीवन जीने की शिक्षा दी । गोवर्धन पूजा के द्वारा जहाज एक ओर देवराज इंद्र का मान मर्दन किया वही दूसरी ओर गोपालन को बढ़ावा दिया । कुलदीप शिवा और अमन की संगीतमय प्रस्तुति से श्रोता भावविभोर हो गये । कथामंच का संचालन डॉ रजनीश मिश्र ने किया ।
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