झारखण्डी भाषा संघर्ष समिति की बैठक संपन्न।
रिपोर्टर- रवि सिंह, लोकेशन---बंदखारो(सरिया पूर्वी)
झारखंड भाषा संघर्ष समिति के द्वारा आयोजित एक दिवसीय बैठक आज उच्च विद्यालय बंदखारो कि प्रांगण में संपन्न हुई। बताते चलें झारखंड सरकार द्वारा मगही भोजपुरी और अंगिका भाषा को क्षेत्रीय भाषा में शामिल करने के खिलाफ आवाज बुलंद करने को लेकर छात्र-छात्राओं एवं बुद्धिजीवी व्यक्तियों द्वारा अपनी माटी अपनी भाषा की पहचान बनाए रखने को लेकर आंदोलनरत है, धनबाद और बोकारो जिला से प्रारंभ हुआ यह आंदोलन अब गिरिडीह जिला के सुदूर पूर्व क्षेत्र तक फैल चुका है, लोगों का कहना है वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार अपनी भाषा अपनी माटी को लेकर, बचाने को कह कर सत्ता में आई और आज हमारी मूल भाषा को दरकिनार करते हुए भोजपुरी अंगिका और मगही क्षेत्रीय भाषा में शामिल कर दिया। जबकि यह भाषा मात्र 1-2 जिला में बोली जाती है । वर्तमान सत्ताधारी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने की जरूरत, हैं। जिससे हमारी अस्मिता बनी रहे और हमारा पहचान हमारी संस्कृति को नया आयाम मिले। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार हमारी बातों को मान लेती है तो बेहतर नहीं तो हम लोग आंदोलन करने पर विवश होंगे, आज इस बैठक की अध्यक्षता जिला परिषद सदस्य अर्जुन प्रसाद आर्य और संचालन नरेश रजक ने किया। अनेकों लोगों ने बारी-बारी से अपनी बात रखी, वक्ता के तौर पर मोहन कुमार ने कहा कि यह सरकार हमारी मूल भावना भाषा से खेल रही है, जब तक हम लोग अपने अधिकार को नहीं पा लेते हैं तब तक यह आंदोलन हम लोग करते रहेंगे, आज इस बैठक में आगामी आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा हुई, और आंदोलन को धार धार बनाने को लेकर रणनीति तैयार की गई। (इंडिया रिपब्लिक के लिए रवि सिंह की खास रिपोर्ट)
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