सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी पत्र पाते ही EOW के अधिकारियों ने शुरू की जांच,

सीधी मध्यप्रदेश, राजीव द्विवेदी


अभिलेख देने का दिया लिखित आश्वासन :- आपको बता दें कि मामला कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय टिकरी का है जहां की वार्डन श्रीमती बसंती सिंह थी। श्री सिंह के द्वारा वार्डन रहते हुए व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार वित्तीय अनियमितता की गई थी जिसकी शिकायत वर्ष 2014 में की गई थी जिसका प्रकरण पंजीबद्ध करके जांच प्रारंभ की गई थी जिसमें शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार संबंधित 10 बिंदुओं की शिकायत प्रमाणित अभिलेख के साथ की गई थी जिसमें सभी भ्रष्टाचारियों के बयान पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में दर्ज किए गए थे किंतु कार्यवाही में देरी हो रही थी इधर आवेदक ने जैसे ही EOW से की गई कार्यवाही की छाया प्रति की मांग की गई तब अधिकारी सख्ते में आ गए एवं आनन-फानन में कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई एवं आवेदक को पत्र क्रमांक 1998-A के तहत बताया गया कि अपराध क्रमांक 8/14 विवेचनाधीन है। सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है कि श्रीमती बसंती सिंह प्रभारी प्राचार्य होने के बाद भी K.G.V.B में वार्डन का हस्ताक्षर करके बंद छात्रावास में भी पर्याप्त राशि का बंदरबांट किया गया है। जिसका भी लेख देने में भी खूब बहानेबाजी उल्टी-सीधी रिपोर्ट की जा रही है यह प्रकरण भी अपराध प्रकोष्ठ (EOW) रीवा में जाने वाला है।

 मजेदार बात तो यह है कि श्रीमती बसंती सिंह स्वयं कस्तूरबा गांधी की अध्यक्ष हैं फिर भी अन्य अध्यक्ष से हस्ताक्षर करा कर वार्डन में अपना हस्ताक्षर करके पर्याप्त राशि का बंदरबांट किया गया है शायद इसी कारण से K.G.B.V. टिकरी एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टिकरी के सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी देने में आदिवासी महिला होने एवं फंसाने की धमकी दी जाती है साथ ही रिपोर्ट भी की जा रही है

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