संत जी का मंत्रोच्चारण के बीच भागलपुर सरयू नदी मे हुआ जल प्रवाह*





सलेमपुर देवरिया कुंडौली गांव निवासी राज नारायण दास 40 वर्ष की अवस्था में देवरहा बाबा के शिष्य बने थे।

लार विकास खण्ड के कुंडौली गांव में खुशी कुशवाहा व बुधिया देवी के दो संतानों में दूसरे नम्बर के राजबली कुशवाहा बचपन से ही धार्मिक विचारों के थे ।शुरू से पूजा पाठ में मन लगने के कारण जब भी इनके घर वालो ने इनकी शादी की बात की वे घर से भाग जाते थे ।उसी दौरान वे देवरहा बाबा के सानिध्य में आये ।देवरहा बाबा के आदेश पर 6 माह तक पैदल भारत भ्रमण के बाद देवरहा बाबा ने उन्हें अपना शिष्य बना लिया ।देवरहा बाबा से दीक्षा लेने के बाद उनका नाम राजनारायण दास पड़ा ।दीक्षा लेने के बाद राजनारायण दास देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों का दर्शन करते हुए जगह जगह यज्ञ भी कराए ।उनके द्वारा मेहीपुरवा बहराइच में कुंडौली नाम का गांव बसाया गया तथा मन्दिर वह कालेज भी स्थापित किया गया जहां यहां के भी बहुत लोग रहते है ।उनकी सादगी देखकर क्षेत्र के लोग उन्हें त्यागी जी के नाम से बुलाते थे ।105 वर्ष की आयु में देहावसान के बाद उनके गांव कुंडौली सहित क्षेत्र के अन्य गांवों में भी उनके भक्त शोकाकुल हो गये ।संत जी का मंत्रोच्चारण के बीच भागलपुर सरयू नदी मे जल प्रवाह किया गया 

रिपोर्टर दिलीप सिंह

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