इंडो नेपाल सीमा पर बसे गांव में बिजली न पानी रास्ता भी है बदहाल*
*विकास की राह देख रहा ककरदरी गांव
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श्रावस्ती* इंडो नेपाल सीमा से सटा हुआ व बसा हुआ ककरदरी गांव विकास की राह देख रहा है सड़क सफाई बिजली पानी व अन्य व्यवस्थाओं से जूझ रहे इस गांव के लोग खानाबदोश जीवन जीने को मजबूर हैं
हरिहरपुर रानी विकास क्षेत्र के ग्राम पंचायत ककरदरी स्वयं अकेला गांव है जो मल्हीपुर थाना क्षेत्र के नेपाल भारत सीमा से सटा हुआ है जिला व तहसील मुख्यालय से 35 वा ब्लॉक मुख्यालय से 25 कि0 मी0 की दूरी पर स्थित है इस गांव को जाने के लिए 5 कि0 मी0 का रास्ता जंगल की पगडंडियों से होकर गुजरता है राप्ती बैराज से ककरदरी गांव तक खड़ंजा का निर्माण कराया तो गया लेकिन खड़ंजा का निर्माण सही से ना होने के नाते लोगों को पगडंडियों के रास्ते का सहारा लेना पड़ता है करीब 3000 आबादी वाले इस गांव में 2011 में विद्युतीकरण कराया गया था लेकिन वन विभाग के विरोध के कारण यहां आज तक बिजली आपूर्ति नहीं हो सकी इससे लोगों को सोलर लाइट का सहारा लेना पड़ता है 2017 में पीने योग्य पानी के लिए यहां 2 पानी टंकी का निर्माण भी कराया गया था लेकिन उसका संचालन आज तक नहीं हुआ गांव में साफ-सफाई एकदम से बदतर है ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में सफाई कर्मी के ना आने से साफ सफाई की व्यवस्था एकदम से ठप है गांव में वर्ष 2013 में पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रुकमणी देवी द्वारा इंटरलॉकिंग का कार्य करवाया गया था जो फुटकर छोटे-छोटे टुकड़ों में तब्दील हो गया और रोड पर गड्ढे हो गए हैं
संवाददाता तहसील जमुनहा ज्ञानेंद्र प्रताप वर्मा इंडिया रिपब्लिक लाइव टीवी चैनल*
सबको बोट लेना हे मगर विकास नही करना
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